देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पंजाब नेशनल बैंक द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है पीएनबी उन सेविंग अकाउंट को बंद करने जा रहा है जो कई साल से निष्क्रिय है बैंक ने घोषणा की है कि उन बचत खातों को बंद करने जा रहा है जिनमें पिछले तीन वर्षों से कोई लेनदेन नहीं हुआ है।
समय सीमा और प्रभावित खातें
बैंक ने देखा है कि कई खातों में पिछले तीन वर्षों से ग्राहकों द्वारा कोई परिचालन नहीं किया जा रहा है और इन खातों में कोई बैलेंस नहीं है यह सुनिश्चित करने के लिए की इन खातों का दुरुपयोग नहीं हो, बैंक ने अंतर्निहित जोखिम को रोकने के लिए ऐसे बैंक खातों को बंद करने का निर्णय लिया है।
ग्राहकों को असुविधा से बचाने के लिए बैंक ने समय सीमा को 30 जून 2024 तक निर्धारित किया है ऐसे सभी खाताधारक 30 जून को या इससे पहले अपने खाते को सक्रिय करवा लें ताकि उन्हें बैंकिंग सेवाओं का लाभ मिलता रहे इसके बाद 1 जुलाई 2024 से ऐसे खाता बंद कर दिए जाएंगे।
छूट प्राप्त बचत खातें
पंजाब नेशनल बैंक द्वारा कुछ श्रेणियां के खातों को इस नियम से छूट दी गई है डीमैट खातों से जुड़े खाते, नाबालिकों के खाते, विशिष्ट उद्देश्यों जैसे पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई, एसएसवाई, एपीवाई, डीबीटी के लिए खोले गए खाते तथा न्यायालय, आयकर विभाग या किसी अन्य वैधानिक प्राधिकरण के आदेश द्वारा फ्रिज किए गए खाते इस प्रक्रिया के अंतर्गत बंद नहीं किए जाएंगे।
खाता धारकों के लिए आवश्यक कदम
यदि आपका खाता भी इस नियम के तहत बंद होने जा रहा है तो आपके पास 30 जून तक का समय है आप 30 जून से पहले अपना KYC अपडेट करवा सकते हैं जिससे आपका खाता बंद नहीं किया जाएगा।
केवाईसी के लिए आपको सभी आवश्यक दस्तावेज लेकर अपने बैंक की शाखा में जाकर जमा करवाने हैं इसमें पहचान पत्र के रूप में आप पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर जा सकते हैं जबकि पते के प्रमाण के रूप में आधार कार्ड, बिजली बिल, पानी बिल, हाउस टैक्स रसीद आदि ले जा सकते हैं।
PNB Bank News Update
पंजाब नेशनल बैंक के जिन ग्राहकों ने 3 साल से कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया है उनके बैंक खातों को बंद किया जा रहा है इसके लिए बैंक द्वारा समाचार पत्रों, आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया पर नोटिस जारी कर दिया है यदि ये सभी ग्राहक 30 जून तक बैंक में केवाईसी करवा लेते हैं तो उनके खातें सुचारू रूप से चलते रहेंगे अन्यथा 1 जुलाई से बंद कर दिए जाएंगे यह कदम बैंकिंग प्रणाली में सुरक्षा और कुशलता बढ़ाने के लिए उठाया गया है।