बीएड के बाद सरकारी नौकरी नहीं मिलने का डर ऐसा है कि लोगों ने इस कोर्स के लिए आवेदन करना कम कर दिया है बीएड कोर्स के लिए जितनी सीटें हैं उतने आवेदन भी नहीं आए हैं।
बीएड करने के बाद सरकारी नौकरी की उम्मीद कम होने से युवाओं का इस कोर्स के लिए मोह भंग होना नजर आ रहा है बीएड में एडमिशन के लिए इस वर्ष केवल 2.23 लाख आवेदन आए हैं जबकि सीटों की संख्या 2.45 लाख है यानी सीटों की संख्या से भी काम आवेदन आए हैं जबकि पिछले साल की बात करें तो कुल सीटों की तुलना में दो गुना आवेदन आए थे और इससे पहले तीन गुना तक आवेदन आते थे।
यूपी बीएड के लिए ऑनलाइन आवेदन 10 फरवरी से 30 अप्रैल 2024 तक आमंत्रित किए गए हैं जबकि आवेदन शुल्क जमा करवाने की अंतिम तिथि 7 मई तक निर्धारित की गई थी इसके लिए एग्जाम 9 जून 2024 को आयोजित किया जाएगा जबकि एडमिट कार्ड 30 मई को जारी कर दिए जाएंगे बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा 9 जून को प्रदेश के 51 जिलों में लगभग 470 केंद्रों पर आयोजित होगी।
यदि पिछले दो दशकों की बात करें तो यूपी में BEd की पढ़ाई का क्रेज काफी तेजी से बढा़ और नए-नए कॉलेज भी खोले गए वर्तमान समय में यूपी में 2500 से ज्यादा बेड कॉलेज हैं और इनमें लगभग 2.45 लाख सीटे हैं इतनी ज्यादा सीटों के बावजूद भी पहले तीन गुना तक आवेदन आते थे लेकिन इस बार तो सीटों के बराबर भी आवेदन नहीं आए हैं ऐसे में बीएड कॉलेज प्रबंधन परेशान है कि 20 से 25 प्रतिशत सीटें भी भर पाएंगे या नहीं।
इस संबंध में उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय त्रिवेदी कहते हैं की स्थिति बहुत खराब है नौकरी की उम्मीद नहीं होना ही इसकी बड़ी वजह है स्थिति में तभी सुधार हो सकता है जब हाई स्कूल और इंटर कॉलेज में समय पर भर्तियां हो, इसके अलावा निजी स्कूलों में भी शिक्षक बनने के लिए बीएड की अनिवार्यता को शक्ति से लागू करना चाहिए।